Monday, September 15, 2008

"हिन्दी से मुलाकात "...

१४ सितम्बर १९५० को मातृभाषा हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया ...

कक्षा ११वी मे लिखी अपनी कविता आपके साथ बंटाना चाहता हूँ

कविता का शीर्षक है
"हिन्दी से मुलाका " ...

एक दिन रस्ते
मे हिन्दी से हुई मुलाकात
मैंने कहा " हाय !!!"
हिन्दी ठिठकी,
पूंछा- क्या कहा ?
मैंने कहा -
हाय....


वह बोली - हाय नहीं कहो बाय बाय...
मैं जा रही हूँ,
यहाँ से विदाई ले जा रही हूँ

मैं सकुचाया और पूंछा -
राष्ट्रभाषा तुम कहाँ जा रही हो |
कहाँ के लिए विदाई ले जा रही हो |

वह बोली -
जैसे बेटी मायेके आती है ,
वैसे हे मैं भी मायके आई थी |
अब यहाँ से विदाई ले के जा रही हूँ |

बेटी तो पराया धन होती है,
विदाई होने पर वह रोटी है |
पर मैं नहीं रोऊँगी,
अब रौओगे
तुम -
और रोते ही रह जोओगे |

क्यूंकि कुछ समय बाद -
अंग्रेज नहीं तो क्या हुआ ,
अपने को अंग्रेजी के शासन मे पाओगे |
तुम-
फिर से गुलाम बन जोओगे
तुम-
फिर से गुलाम बन जोओगे


--- जय भारत ,जय हिन्दी ................

5 comments:

silence said...
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silence said...

hi..Navankur
wel nice attempt i can say!!!!
but hum gulaam kyu ho jayenge???
imp z dat watevr v say dat shld hv d pwr to convince othrs dats it. nthg else

Navankur said...

@ silence
thnx fr ur comments
but Let me knw who r u ???

silence said...
This comment has been removed by the author.
simmy said...

@ above ....
ohkk ohkk got it ..gal .....
thnx fo d comments .... n do keep checkin our blog ... !!!!
thnxxxx [:)]